"वर्तिका अनन्त वर्त की o

एक मासूम सी लड़की जो अचानक ही बहुत समझदार बन गयी पर खुद को किस्मत के हादसों ना बचा पायी,जो बेक़सूर थी पर उस को सजा का हक़ दार चुना गया
ITS A NOVEL IN MANY PARTS ,

Saturday, September 28, 2019

मेंरे प्यारे दोस्तों,
आज लेखनी के माध्यम से मैं, एक भोली भाली लड़की के जीवन के अनुभवों को, कहानी का रूप दे कर प्रस्तुत करुँगी, जिंदगी के उतार- चढाव, सुख- दुःख ,जो पहेली बन कर उसकी जिंदगी में सदैव ही आते रहे ,और बिना सूलझे ही दूसरे प्रश्नों में उलझा कर लोप होते रहे पर, उसकी जिंदगी बढती रही।
मैं यहाँ सुख, दुःख, प्रेम ,विरह, धोखा और दर्द के दुःखो के इंद्रधनुष से रंगी  उलझी हुयी एक मासूम जिंदगी का विस्तृत वर्णन करने का प्रयास करूँगी ,उसकी जिंदगी ज्यादा देर कभी एक तरह के रंग में नही रही, बहुत से बेशुमार रंग देखे थे उसने इतने रंगों को देखने के बाद शायद अब ,उसे दो रंग ही, सच्चे और अपने लगते थे ,एक काला और एक सफेद, बाकि रंग बस मौसम की तरह बदलते रहते   ,पर जब ये दो रंग जिंदगी में  आते , तो  फिर कोई मौसम इन्हें बदल नही पाता , खास कर ये दर्द का काला रंग ,ये इस तरह जिंदगी को ,खुद में गुम कर लेता है की , जिंदगी का अपना अस्तिव ही बदल जाता है.  उस मासूम लड़की की  खूबसूरत जिंदगी ,जिसकी मैं कहानी आपके समक्ष रख रही हूँ  , सच बहुत ही खूबसूरती से, बदसूरती में बदलती चली गयी सोचा की कही ये  दर्द के रंग उसकी जिंदगी, के साथ ही खतम न हो जाये ,क्यों न कुछ सच्चे हमदर्द ,जो उसकी सूरत से अपरिचित ,किन्तु उसके दर्द से परिचित हो, मैं ये दर्द बाँट पाऊ ,जो उसके दर्द के रंगों को अनुभव कर अपने जीवन के रंग बदल सके।
शिखानारी

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